वो बाबुल की गलियाँ
वो माटी का घरोंदा
छोड़ चल अब सजनी
की आयी मिलन की बेला
देख तेरा गुड्डा अकेला खड़ा
गुडिया से दुर जा अड़ा
पलट-पलट ना याद कर
वो यादों का खिलौना
कसक दिल मे लिए
होंठों को भी सिये
जाएगी कितनी दुर
जिंदगी के रास्ते है टेढ़े
जब नए घर मे पाँव धरेगी
अकेले ही दुनिया से लड़ेगी
नाज़ुक हाथों से है अभी तो
अपनी गृहस्ती तुझे बनाना
और कितनी देर अश्क बहाएगी
कजली को गालों पे लगाएगी
नवीन नयनों से ये दुनिया देख
अभी बहुत कुछ है रखा हुआ
चल सजनी ये गाँव हुआ पुराना
नया तुझको दीखऊं अब ठिकाना
इस क़दर भी ना शरमा हमसे
जनम-जनम का साथ है अब से
वो माटी का घरोंदा
छोड़ चल अब सजनी
की आयी मिलन की बेला
देख तेरा गुड्डा अकेला खड़ा
गुडिया से दुर जा अड़ा
पलट-पलट ना याद कर
वो यादों का खिलौना
कसक दिल मे लिए
होंठों को भी सिये
जाएगी कितनी दुर
जिंदगी के रास्ते है टेढ़े
जब नए घर मे पाँव धरेगी
अकेले ही दुनिया से लड़ेगी
नाज़ुक हाथों से है अभी तो
अपनी गृहस्ती तुझे बनाना
और कितनी देर अश्क बहाएगी
कजली को गालों पे लगाएगी
नवीन नयनों से ये दुनिया देख
अभी बहुत कुछ है रखा हुआ
चल सजनी ये गाँव हुआ पुराना
नया तुझको दीखऊं अब ठिकाना
इस क़दर भी ना शरमा हमसे
जनम-जनम का साथ है अब से
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